पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने एनएचएआई पर लगाया 10 लाख रुपए का जुर्माना

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने एनएचएआई पर लगाया 10 लाख रुपए का जुर्माना

Pollution Control Board imposed a fine of Rs 10 lakh on NHAI

Pollution Control Board imposed a fine of Rs 10 lakh on NHAI

- गांव बघोला के पास नेशनल हाईवे पर बनाए जा रहे वाहन अंडरपास पर नहीं किया जा रहा था ग्रेप-3 के नियमों का पालन

 पलवल। दयाराम वशिष्ठ: Pollution Control Board imposed a fine of Rs 10 lakh on NHAI: पलवल जिला के गांव बघोला में नेशनल हाईवे एनएच 19 पर बनाए जा रहे वाहन अंडरपास के निर्माण कार्य के दौरान एनजीटी/सीएक्यूएम के निर्देशों का पालन न करने और अधिनियम, 1981 के प्रावधानों के तहत वायु प्रदूषण पैदा करने के लिए दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण- III के उल्लंघन करने पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिस पलवल द्वारा की गई है। 

 रीजनल अधिकारी पलवल आकांक्षा तंवर ने बताया की दिल्ली एनसीआर में बढ़ते पॉल्यूशन के स्तर को देखते हुए ग्रैप- 3 लागू किया गया है। 
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) चरण- III के कार्यान्वयन के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। एनएचएआई द्वारा जीआरएपी आदेशों के उल्लंघन की रिपोर्ट पर कार्यालय के संबंधित क्षेत्र अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया था। अधिकारी द्वारा गांव बघौला, पलवल नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन वाहन अंडरपास (वीयूपी) की जांच की गई, जिसमें गैर-अनुपालन पाए गए। 

- इनका नहीं किया जा रहा था पालन

-पलवल जिला में नेशनल हाईवे पर गांव बघौला में निर्माणाधीन वाहन अंडरपास (वीयूपी) के पास काफी धूल जमा थी। यह भी पाया गया कि निर्माण सामग्री खुली पड़ी है।

-बहुत सारा सी एंड डी कचरा और धूल के कण सड़क के किनारे/मध्यमार्गों/किनारों पर पड़े हैं।

-धूल उत्सर्जन को कम करने के लिए पानी का छिड़काव नहीं किया गया और धूल को कम करने के लिए कोई एंटीस्मॉग गन संचालित नहीं है।

-निर्माण स्थल की परिधि के आसपास धूल/हवा को रोकने वाली दीवारें, तिरपाल या ग्रीन-नेट, हवा से बचाव वाली बाड़ या उचित ऊंचाई की मचान शीट उपलब्ध नहीं कराई गई है और निर्माणाधीन क्षेत्र के आसपास मचान पर तिरपाल या ग्रीन-नेट भी नहीं लगाया गया है।

-उपयोग किए गए डीजी सेट सीएक्यूएम निर्देश के अनुसार गैर-अनुपालन कर रहे हैं

-निरीक्षण के समय परिवहन के लिए प्रयुक्त वाहन का पीयूसी प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं था

-मुख्य राजमार्ग के साथ-साथ सर्विस रोड पर कई हिस्से कच्चे/बिना बिटुमेन परत के पड़े हैं, जिससे आस-पास के क्षेत्र में बहुत अधिक धूल का उत्सर्जन हो रहा है।

-यह दिए गए निर्देश

बताया गया है कि इस प्रकार की गतिविधियां पलवल शहर की वायु गुणवत्ता को खराब कर सकती हैं और चूंकि पूरे हरियाणा राज्य को वायु प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया गया है। विभाग की तरफ से एनएचएआई को 10 लाख रुपये का पर्यावरण मुआवजा जमा करने और इन कमियों के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।